प्रकृति प्रत्येक बालक को कोई न कोई विशेष योग्यता देकर जन्म देती है | आवश्यकता है इस योग्यता को जांच कर तदनुसार उसके लिये शिक्षा की व्यवस्था करना | यदि सही समय पर सही दिशा में सही मार्गदर्शन द्वारा तीर छोड़ा जाता है तो लक्ष्य वेध होने में कभी संदेह नहीं रहता | इस परिस्थिति पर चिंतन करके स्वामी विवेकानंद की जयंती के तहत युवा दिवस पर ग्रामोदय शिक्षण संस्थान ने “उठो भारत प्रयोजना” की उद्घोष किया | “उठो भारत प्रयोजना” द्वारा उक्त बिन्दुओं को ध्यान में रखकर एक नई प्रकार की शिक्षा पद्धति का शुभारम्भ किया गया | जापानी शिक्षा पद्धति, वर्तमान भारतीय शिक्षा प्रणाली तथा आधुनिक तकनीक का समावेश का मिश्रण करते हुए “लक्ष्य आधारित शिक्षा पद्धति” का निर्माण किया| जिसके अंतर्गत विषय विशेषज्ञों, मनोवैज्ञानिकों परीक्षणों एवं गतिविधि आधारित मूल्यांकन द्वारा छात्र की रुचि एवं क्षमता के आधार पर लक्ष्य तय किया जायेगा और तदनुसार पारंपरिक शिक्षा के साथ-साथ उस विशेष विषय का गहराई से प्रशिक्षण दिया जायेगा | यह शिक्षा पद्धति विद्यार्थी को कौशल दक्ष एवं संस्कारित बनाने के साथ-साथ अन्य विद्यार्थियों से प्रतिस्पर्धा में सबसे आगे खड़ा करने में मदद करेगी |